मोदी की रैली में भाजपा ने एचआरटीसी के 14 करोड़ भी नहीं दिए
शिमला: हिमाचल सरकार की वित्तीय अनियमितताओं और आर्थिक संकट पर सियासत हर रोज तेज होती जा रही है। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में विपक्ष में रहकर कांग्रेस ने सरकारी कर्ज को ठोस मुद्दा बना दिया था। अब सत्ता में काबिज होते ही सुक्खू सरकार राज्य की वित्तीय परिस्थितियों के लिए पूर्व की जयराम सरकार को जिम्मेवार ठहरा रही है।
प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जयराम ठाकुर के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें ठाकुर ने कहा था कि सुक्खू सरकार आते ही हजारों करोड़ का ऋण लेने लगी है। जवाब में जगत सिंह नेगी ने कहा कि जयराम सरकार ने हजारों करोड़ों की देनदारियां छोड़ दी। कर्मचारियों को डीए की घोषणा की, लेकिन अभी तक मिली नहीं।
नेगी ने कहा कि हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में ही कर्मचारियों को ओपीएस बहाल करने का निर्णय लिया। मगर पूर्व की जयराम सरकार के माफिया रोज के दौरान प्रदेश को कर्ज के बोझ में धकेल दिया।
राजस्व मंत्री ने कहा कि जयराम सरकार में शास्त्री कौन थे? जिसने राज्य को आर्थिक संकट में डाल दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के निकम्मापन के चलते कर्मचारियों की देनदारियां चुकता नहीं हुई। मगर हमारी सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है। उन्हेांने कहा कि पूर्व सरकार के समय जब पीएम मोदी की रैलियां हुई थी तो एचआरटीसी के 14 करोड़ रुपये जमा नहीं किए। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार ने सरकारी पैसे से पार्टी की रैलियां आयोजित की।
यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की तैयारी में सरकार
प्रदेश के बागवानों की आर्थिक हालात में बेहतर सुधार करने एवं उन्हें सेब के उचित दाम मिले, इसके लिए राज्य सरकार यूनिवर्सल कार्टन पाॅलिसी लागू करने की तैयारी में हैं। हालांकि तत्कालीन वीरभद्र सरकार के वक्त भी इस पाॅलिसी पर काम किया गया था, लेकिन जमीन पर नहीं उतर पाई। प्रदेश की वर्तमान सरकार इस आरे काम करने जा रही है।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के बागवानों के साथ अन्याय हुआ और बागवानी विरोधी नीतियां लागू की गई। उन्हेांने कहा कि उनका विभाग जल्द ही बागवानों के साथ मीटिंग करेगा और यूनिवर्सल कार्टल पाॅलिसी का खाका भी तैयार करेंगे। जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के सेब बागवानों को उचित दाम मिले, इसके लिए सुक्खू सरकार पहले दिन से ही काम कर रही है।