एक गांव-एक उत्पाद योजना के तहत मटर की खेती से होगी गांव वालों की आर्थिकी सुदृढ़, पर्यटन गतिविधियों को भी दिया जायेगा बढ़ावा

किन्नौर: जिला किन्नौर के पूह उपमण्डल के गांव चारंग को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विकसित किया जायेगा ताकि गांव के लोगों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

यह जानकारी उपायुक्त किन्नौर सुरिंदर सिंह राठौर ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इसके तहत गांव में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाया जायेगा और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए होम स्टे तथा सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि प्रोग्राम के तहत उत्तरी सीमा पर विरल आबादी, सीमित कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की कमी वाले सीमावर्ती गांवों के विकास की परिकल्पना की गई है, जो विकास के मामले में अन्य गांव से पीछे हैं। इसी दिशा में कार्य करते हुए चारंग गांव को ग्राम वासियों की सहभागिता से एक आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाना है जिसमें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने इस बारे विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

बैठक में बताया गया कि चारंग गांव में मटर की खेती प्रमुख रूप से की जाती है इसलिए गांव के स्थानीय उत्पादों और फसलों, जिनमें मटर, काला आलू व माको जीरा आदि शामिल हैं, की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि गांव के लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। इसके अतिरिक्त, गांव में हींग की खेती का ट्रायल किया जायेगा जिसके लिए लोगों को पौधे उपलब्ध करवाए जायेंगे।

उन्होंने कहा कि चारंग गांव का विकास इस प्रकार से सुनिश्चित बनाना है ताकि सभी ग्राम वासियों को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सके और उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने अधिकारीयों को गांव में बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि गांव में कनेक्टिविटी की समस्या है जिससे फोन व इंटरनेट संचार सुविधा उपलब्ध नहीं है। उपायुक्त ने कनेक्टिविटी की समस्या के समाधान के लिए बीएसएनएल तथा अन्य निजी कंपनियों से तालमेल कर यह सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

परियोजना अधिकारी, एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना लक्ष्मण सिंह कनेट ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चारंग गांव के विकास हेतु अगर कोई भी सुझाव हो तो वह उनसे कभी भी साझा कर सकते हैं।