शिमला: जयराम कैबिनेट में मात्र 15 महीने का मेहमान बन कर इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री अनिल शर्मा पर अब भाजपा चार्जशीट की तलवार लटक सकती है। हालांकि पूर्व में विपक्ष में रहते भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी, लेकिन 2017 के चुनाव में अनिल शर्मा भाजपा में शामिल हुए तो वर्तमान भाजपा सरकार ने उनके आरोपों को विजिलेंस से भी दूर रखा गया। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने बेटे (कॉंग्रेस) की राजनीति के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार अनिल शर्मा पर लगे आरोपों की फाइल खोलने के लिए विजिलेंस को आदेश दे सकती है। भाजपा चार्जशीट में अनिल शर्मा पर पशुपालन विभाग और पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग में अनियमित्ताओं के आरोप लगे थे। भाजपा चार्जशीट में आरोप लगे थे कि अनिल शर्मा ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आय व संपत्ति के हल्फनामे में मंडी स्थित होटल, जो पिछलेे पांच साल बंद रहा तथा सूरत में 1970 में लगाए सेब के बगीचे जिसमें सेब के पेड़ सूख चुके हैं, से करोड़ों रूपये की आमदनी कैसे दर्शाई गई? इस तरह के आरोप भाजपा चार्जशीट में लगे हैं।
पशुपालन विभाग में दवाई घोटाले का आरोप
भाजपा चार्जशीट में पूर्व मंत्री अनिल शर्मा पर पशुपालन विभाग में दवाई घोटाले के आरोप लगे हैं। आरोप हैं कि पशुपालन विभाग नेे वर्ष 2014-15 के लिए दवाईयांं खरीदने के लिए जिन 30 फर्मों के साथ रेट कॉन्ट्रैक्ट किया। उनमें से 15 फर्मे सरकार व विभाग नेे ब्लैक लिस्ट या डी-बार कर रखी है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नेे इस संदर्भ में पत्र की कॉपी प्रदेश सरकार को भी दे दी गई। इसके बावजूद ऐसी फर्मो से उच्च दरों पर दवाईयों की सप्लाई का रेट कॉन्ट्रेक्ट किया गया जो मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने का नमूना है। भाजपा चार्जशीट में आरोप लगे हैं कि मुख्यमंत्री द्वारा शिकायत करने के बाद भी कारवाई न करना दर्शाता है उस घोटाले में मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री का भी हाथ है।
होटल राजमहल जमीनी सौदे का आरोप
भाजपा चार्जशीट में जिला मंडी के राजमहल जमीन बेनामी सौदेे में अनिल शर्मा के बैंक खाते से लाखों रूपये संजय कुमार के खाते में ट्रांसफर किए जाने का आरोप है। भाजपा का आरोप है कि ये बेनामी सौदा खूब राम के नाम हुआ जिसका सूत्रधार संजय था।
भारतीय जनता पार्टी की चार्जशीट में का आरोप है कि हिमाचल में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रहे अनिल शर्मा नेे मंडी शहर में अपने होटल मैफेअर को केवल तीन मंजिल अनाने की स्वीकृति नगर परिषद, टीसीपी से ली थी। जबकि उस होटल की छह मंजिलें अनाधिकृत रूप से बनी है। चार्जशीट में आरोप है कि पिछले पांच वर्ष लगातार इसकी मुरम्मत होती रही और अब जांच से बचने के लिए होटल का नाम बदल कर रिजेंट पाम रख दिया।