लेबर को इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन किए जाने पर बागवानों को ही करनी पड़ रही जेब ढ़ीली

शिमला: जिला कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने सरकार पर आरोप लगाया की सेब सीजन शुरु होते ही बागवानों की हितैषी होने का ढिढ़़ोरा पीटने वाली राज्य सरकार की पोल खुल गई है। है। छाजटा कहा कि बार-बार चेताने के बावजूद भी सेब सीजन को लेकर सरकार ने समय रहते तैयारियां का अमलीजामा नहीं पहनाया और नतीजतन सरकार की लापरवाही का खामियाजा अब बागवान को भुगतना पड़ रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़े बड़े दावों के बावजूद बागवानों को श्रमिक उपलब्ध करवाने में सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई। इसके साथ ही जो बागवान अपने स्तर पर लेबर ला रहे है, उनसे निजि बस आप्रेटर और ट्रैक्सी चालक मनमाने दाम वूसल रहे है। छाजटा ने आरोप लगाया की जहां दो हजार रूपये ट्रैक्सी का किराया लगता था, वहां आज पांच-पांच हजार वसूले जा रहे है। इसके साथ ही नियमों के अनुरुप बागवान अपने स्तर पर लेबर लाने के बाद उन्हे इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन करवा रहे लेकिन उसकी एवज में भी बागवानों को अपनी जेब खासी ढ़ीली करने पड़ रही है।

छाजटा ने दावा किया की श्रमिकों के कोरोना टेस्ट भी नहीं किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर तो एक की भवन में 50 से अधिक श्रमिको को रखा जा रहा है। ऐसे में यदि एक भी पॉजिटिव होता है, तो अन्य भी उसके संपर्क में आने सें संक्रमित हो सकते है। छाजटा ने कहा कि जिन भवनों में श्रमिकों को क्वारटांइन किया जा रहा है, वहां पर न तो शौचालयों की उचित व्यवस्था है और न ही कोई अन्य मुलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है ।

बरागटा बागवानी मंत्री को दे चुके सलाह

छाजटा ने कहा है कि जुब्बल कोटखाई के विधायक एवं भाजपा नेता नरेंद्र बरागटा ने भी एक कार्यक्रम के दौरान बागवानी मंत्री को बागवानों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनने की बात कह चुके है। उन्होंने कहा कि सेब के साथ प्रदेश की आर्थिक जुड़ी हुई है, ऐसे में सरकार ने यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए तो आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में इसके परिणाम भुगतने को भाजपा की सरकार तैयार रहे।