शिमला: शिमला जिला के राजस्व अधिकारी की बैठक के दौरान उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि राजस्व रिकोर्ड के कम्प्यूटरीकृत होने से राजस्व मामलों सम्बनिधत रिकोर्ड वैज्ञानिक ढंक से सग्रंहित किए जा सकते है जिससे आम व्यकित को राजस्व रिकोर्ड प्राप्त करने में सुविधा हुर्इ है । उन्होंने बताया कि जिला शिमला मे कुल 3322 गांव में से 3129 गांव के राजस्व रिकोर्ड कम्प्यूटरीकृत हो चुके है । इन राजस्व गांव की जमाबिन्दयां आनलार्इन प्राप्त की जा सकती हैं । इसके अलावा जिले में मुसाबियों के डिजटलीकरण का कार्य प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षो में राजस्व कार्यो का नया स्वरूप देखने को मिलेगा जिसमें र्इ-गवर्नेंस का अहम रोल होगा । उन्होंने तहसीलदार प्रशिक्षुओं से कहा कि राजस्व विभाग में कम्प्यूटर के माध्यम से आगामी समय में होने वाले कार्यो की पुखता जानकारी प्राप्त करें साथ-साथ विदेशों में इस दिशा में हो रहे कार्यो की जानकारी नेट के माध्यम से प्राप्त करें।

उन्होंने बताया कि जिलें में पटवारियों की परीक्षा के लिए 51 केन्द्र बनाए गए है तथा परीक्षा में नकल को रोकने के लिए जिला स्तर तथा उपमण्डल स्तर पर उड़न दस्तों का गठन किया गया है।

शिमला में 4 तहसीलदार प्रशिक्षु माह अक्तूबर से राजस्व सम्बनिधत मामलों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षुओं को पटवारी स्तर पर होने वाले कार्यो, कानूनगो तथा तहसीलदार स्तर पर किए जा रहे कार्यो की जानकारी प्रदान की जा रही है । अमन कुमार राणा एम.एस.सी., भौतिकी, एस.एल.बी., है, सुनिल कुमार कायथ, एम.एस.सी. रसायन, बी.एड. है, राजेश वर्मा बी.एस.सी. तथा एम.बी.ए., हिमाचल प्रदेश विश्व विधालय तथा शिखा शर्मा, डेन्टल सर्जन के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रबन्धन तथा लोक प्रशासन में स्नात्कोतर भी हैं।

इस अवसर पर सुनिल कुमार ने र्इ-स्टैम्प, शिखा शर्मा ने र्इ-पंजीकरण, राजीव वर्मा ने र्इ-प्रमाण पत्र और अमन कुमार ने जमाबनिदयों के कम्प्यूटरीकरण की प्रकि्रया के बारे में राजस्व अधिकारी के बारे में जानकारी दी।