शिमला: आगामी मानसून के दौरान प्रशासन द्वारा विभिन्न तैयारियों को लेकर आज यहां उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि मानसून के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार हैं और इस दिशा में सभी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा किसी आपात स्थिति के दौरान जिला में समन्वय के लिए मण्डल अग्निशमन कार्यलय शिमला में नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इस कक्ष में फोन नम्बर 1077 पर 24 घण्टे सम्पर्क किया जा सकता है।

उपायुक्त ने कहा कि विभिन्न विभागों में समन्वय के लिए नोडल अधिकारी भी तैनात किए गए हैं । इन अधिकारियों की सूची और मोबाइल नम्बर शीघ्र ही जिला शिमला की बेवसाईट पर उपलब्ध करवा दिए जाएंगे ताकि किसी आपात स्थिति के दौरान विभिन्न विभागों में आपसी समन्वय स्थापित किया जा सके और सूचनाएं समयबद्ध की सांझा किया जा सकें साथ ही जनता को भी जरूरी जानकारी प्रदान की जा सकें ।

दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को सभी मुख्य और सम्पर्क सड़कों को किसी भी आपात स्थिति के दौरान यातायात के लिए बहाल रखने के निर्देश जारी किए गए हैं । उन्होंने कहा कि भू-स्खलन व सड़कों में किसी अन्य बाधा के दौरान यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए चिन्हित स्थानों पर के्रन, डोजर, लोडर व अन्य मशीने तैनात की जाएंगी तथा इनकी सूची बेवसाईट पर उपलब्ध करवाई जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि वर्षा ऋतु के दौरान पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने व जनता को स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के लिए सिंचाई एवं जन सम्पर्क विभाग को जरूरी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि मानसून के दौरान किसी दुर्घटना या अन्य अपात स्थिति के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, शिमला की अध्यक्षता में विशेष चिकित्सा दल तैयार किए गए हैं ताकि लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जनरेटर व बैटरी बैकअप का प्रबन्ध करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश दिए गए हैं । जिला में 108 एम्बुलैन्स सेवा के तहत 15 एम्बुलैन्स हमेशा किसी भी आपात स्थिति के दौरान सेवा के लिए तैयार की गई हैं।

उपायुक्त ने कहा कि मानसून के दौरान संचार साधनों को व्यवस्थित बनाएं रखने के लिए बी.एस.एन.एल व अन्य संचार कम्पनियों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला खाद्य नियन्त्रण को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिला के सभी स्थानों में खाद्यानों के पर्याप्त भण्डारण के निर्देश दिए गए हैं।

दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सतलुज नदी के किनारे बसे विभिन्न क्षेत्रों में से 5 युवकों को चयनित कर उन्हें गोताखोर के प्रशिक्षण के लिए प्रायोजित किया जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण संस्थान में गोताखोरी का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि किसी आपात स्थिति के दौरान उनकी सेवाएं ली जा सकें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सेना व पैरामिल्ट्री फोर्स के साथ भी समन्वय स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रबन्ध किए हैं।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नीरज कुमार, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और सेना के अधिकारी भी उपस्थित थे।