शिमला: शिमला जिला में मनरेगा के तहत विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे कार्यो के प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त दिनेश मल्होत्रा ने बताया कि मनरेगा सरकार का ऐसा नियोजन तथा व्यवसिथत कार्यक्रम है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के विकास को व्यापक स्तर पर किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत, अपने-अपने विभाग से सम्बनिधत, योजनाएं बनाने और उन्हे पूरा करने का दायित्व, सम्बनिधत विभाग का है। इस सम्बन्ध में किसी भी ढिलार्इ को, बर्दाशत नहीं किया जाएगा और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवार्इ की जाएगी ।
उपायुक्त ने खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि वे अन्य विभागों के अधिकारियों से समन्वयन करें और उन्हें इस कार्यक्रम की व्यापकता से अवगत करवाएं । उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत शिमला जिला के गर्म और निचले हिस्सों में रेशम कीट पालन का कार्य किया जा सकता है । उन्होंने अधिकारियों से कहा कि रेशम पालन के कार्यो को मनरेगा के तहत प्रसारित करें और इसे दीर्घकालीन योजना के तौर पर अमल में लाए ।
मल्होत्रा ने कहा कि मनरेगा के तहत स्कूलों में वाटर टैंक बनाए जा सकते हैं इसके लिए शिक्षा विभाग के प्रिन्सीपल और मुख्याध्यापक खण्ड चिकित्सा अधिकारियों से तालमेल कर योजना बनाएं ताकि प्रत्येक स्कूल और कालेज में इस योजना के अन्र्तगत वाटर टैंको का निर्माण किया जा सके । उपायुक्त ने बताया कि मनेरगा में किसान, बकरियों के लिए शैड भी बनवा सकते है इसके अलावा पशुओं की गौशाला के लिए पक्के फर्श भी बनाए जा सकते हैं। उन्होंने सभी विकास खण्ड अधिकारियो को कहा कि मनरेगा के तहत अधिक से अधिक कार्यो को दिसम्बर माह से पूर्व पूरा कर लें ताकि लक्ष्यों की पूर्ति समय से की जा सके ।
उन्होंने बताया कि इनिदरा अवास येाजना के तहत अभी तक अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग सम्बनिधत 574 परिवारों को आवास उपलब्ध करवाए जा चुके हैं।