वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके अध्यक्ष पद का इस्तीफा देने पे अटकले तेज़ हो गयी है और सूत्रों की मने तो वीरभद्र सिंह एक दो रोज में पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद का इस्तीफा सौंप सकते हैं और इसी बिच पार्टी मैं अध्यक्ष पद पर बनने के लिए होड़ शुरू हो चुकी हैl
सूत्रों की माने तो वरिष्ट कांग्रेस सिपेस्लारह एवं डलहौजी की विधायक आशा कुमारी संगठन की कमान संभालने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही हैं। सूत्रों पर विश्वास करें तो वीरभद्र सिंह विरोधी खेमा उन्हें समर्थन दे रहे हैं। कोशिश यही है कि यदि संगठन की कमान हाथ में आ जाए तो सरकार पर भी दबाव बन सकता है। इस प्रयास में दिल्ली में जबरदस्त लॉबिंग चली है। बताया जाता है कि पार्टी हाइकमान सोनिया गांधी से भी ऐसे नेताओं के मिलने का मकसद यही था।
वंही वीरभद्र सिंह खेमा ठाकुर रामलाल, सिरमौर से गंगूराम मुसाफिर और चंबा से हर्ष महाजन पर दाव खेलना चाहते हैं। रामलाल ठाकुर वर्तमान में पार्टी महासचिव भी हैं और वह चुनाव भी हार चुके हैं तो इस लिहाज से उनके पास समय की भी दिक्कत नहीं है और संगठन को जरुरी और माकूल समय भी दे सकते है। वंही दूसरी और सिरमौर से गंगूराम मुसाफिर भी सूचि मैं बने हुए हैl सिरमौर हलके से उनका नाम प्रस्तुत हो रहा है l चुनाव से पहले भी उनके नाम पर आम सहमती बनाई जा रही थी जब कांग्रेस दो गुटों मैं विभाजित होती नज़र आ रही थीl पर क्योंकी आलाकमान ने चुनावी जीत के मकसद से विभिन्न सर्वे रिपोर्ट्स के बाद वीरभद्र सिंह को हिमाचल की कमान सौंपी, जो अब तक उन्हीं के पास हैं।
भावी अध्यक्ष के लिए जिला कांगड़ा से पूर्व सांसद चंद्र कुमार का नाम भी प्रस्तुत किया गया है। पर दूसरी और सीनियर नेता हर्ष महाजन का भी नाम आगे आया है। वह वर्तमान में उपाध्यक्ष पद पर तैनात हैं। उन्होंने चुनाव भी नहीं लड़ा है। आज कल हर्ष महाजन ही शिमला पार्टी ऑफिस मैं पार्टी का काम काज संभल रहे है और पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुस्त दुरुस्त केर रहे है।