शिमला: नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस के तहत जिला शिमला में 68,504 मामलों में आपतकालीन सेवाएं प्रदान की गई है । यह जानकारी देते हुए उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा ने आज यहां बताया कि जिला शिमला में 5131 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र में लोगों को नेशनल एम्बुलैन्स सर्विस के माध्यम से आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जा रही है ।
उपायुक्त ने बताया कि जिला शिमला में नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस द्वारा पुलिस से सम्बन्धित 1752 मामले, आग से सम्बन्धित 316 मामले, चिकित्सा से सम्बन्धित 66436 मामले, गर्भावस्था से सम्बन्धित 9329 मामले, ट्राॅमा से सम्बन्धित 2494 मामले, ह्रदय अपातकालीन चिकित्सा से सम्बन्धित 2790 मामले, सांस से सम्बन्धित 3291 मामले, भय सूचक परिस्थितियों में जीवन रक्षा के 2216 मामले और एमरजैन्सी मैडिकल टैकनिशिन द्वारा प्रसव के 501 मामलों में सेवाएं प्रदान की गई हैं ।
नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस द्वारा प्रदेश भर में बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों में निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर लोगों की जीवन रक्षा के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है । इस सेवा के तहत प्रदेश भर में 4,44,929 मामलों में आपातकालीन सेवाएं प्रदान की गई है, जिसमें आपातकालीन चिकित्सा के 4,28,734 मामलें, पुलिस आपातकालीन सेवा के 13,161 मामले, आग से सम्बन्धित आपातकालीन सेवा के 3034 मामले और गर्भावस्था से सम्बन्धित 79,255 मामले शामिल हैं ।
आपातकालीन स्थिति में असंख्य लोगों ने इस महत्वपूर्ण सेवा पर भरोसा जताया है तथा हर बार लोगों के जीवन को बचाने में यह सफल भी रही है। इस सेवा के माध्यम से न केवल आपात स्थिति में रोगी को राहत मिल रही है बल्कि सेवा का लाभ उठाने वालों के जीवन में खुशी का भी संचार हुआ है। इस सेवा ने ऐसे गंभीर मामलों की भी देखभाल की जहां हल्की सी चूक से बहुमूल्य जीवन समाप्त हो सकता था।
आपातकालीन मामलों की देखरेख की समूची प्रक्रिया प्रदेश के सोलन में स्थापित आपातकालीन प्रबन्धन केन्द्र से संचालित होती है, जहां आपातकालीन रिस्पांस अधिकारी हर टेलीफोन सुनता है। आपातकाल की विस्तृत जानकारी जैसे आपात स्थिति, शहर/गांव स्थल जहां रोगी मौजूद हैं, पुलिस अथवा अग्निशमन- किस प्रकार की अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है इत्यादि प्राप्त करने के पश्चात् ईआरओ नजदीक में उपलब्ध एंबुलेंस के लिए सम्पर्क कर सुविधा प्रदान करता है। यदि पुलिस अथवा अग्निशमन की अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है तो नजदीक के पुलिस स्टेशन व फायर स्टेशन में सम्पर्क किया जाता है। आपात प्रबन्धन केन्द्र, सोलन में हर समय मौजूद पुलिस डिस्पैच अधिकारी की सहायता से तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस द्वारा आधुनिक तकनीक के माध्यम से फोन काॅल प्राप्त होने के पश्चात कम से कम समय में आपातकालीन सेवा सुनिश्चित की जा रही है, ताकि लोगों को समयबद्ध चिकित्सा सेवा प्रदान कर जीवन रक्षा की जा सके।
एम्बुलेेंस में कई जीवन रक्षक उपरकरण स्थापित किये गए हैं। इनमें स्वचालित ब्राह्य डीफीब्रिलेटर, पल्स आॅक्सीमीटर, आक्सीजन आपूर्ति, नेंबूलाईजर, सक्शन मशीन, ग्लूकोमीटर, इलैक्ट्रानिक ब्लड प्रैशर मानिटर, चार प्रकार के स्टैªचर, स्पलिंट, एक्सट्रेक्शन किट, जीवन रक्षक दवाएं तथा आईवी फ्ल्यूड शामिल हैं। एनएएस एंबुलेंसों को 42 प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए कई प्रकार के उपकरण स्थापित किए गए हैं तथा सभी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से जुड़ी हैं ।
इस बात में कोई संदेह नहीं कि नेशनल एम्बुलेंस सेवा की सफलता का श्रेय प्रदेश सरकार को जाता है, जिसके सत्त मार्गदर्शन एवं कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन से यह सेवा कारगर सिद्ध हो रही है। इसके अतिरिक्त, इस सेवा में संलग्न वे कर्मचारी भी इसकी सफलता के हकदार हैं, जोे नेशनल एम्बुलेंस सेवा को सफल बनाने में समर्पण से हर समय तत्पर रहते हैं।