अनिरुद्ध सिंह ने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद जिला परिषद शिमला के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया है और इसके साथ ही जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए कांग्रेस के उमीदवारों में होड़ भी तेज़ हो गयी है l
नियमों के तहत त्यागपत्र मंजूर होने के एक सप्ताह के भीतर ही नए अध्यक्ष की ताजपोशी ज़रूरी है और इसके लिए त्यागपत्र मंजूर किए जाने के एक सप्ताह के भीतर सदस्यों की अध्यक्ष चुनने के लिए बैठक बुलाई जाती है जिसमें चुनाव की तिथि निर्धारित की जाती है।
जिला परिषद शिमला में 24 सदस्य हैं और अनिरुद्ध सिंह के विधायक चुने जाने के बाद 23 सदस्य रह गए हैं जिसमें 13 कांग्रेस समर्थित सदस्य है तो एक माकपा अन्य भाजपा समर्थित सदस्य बताए जा रहे हैl
अध्यक्ष पद को झटकने को लिए दावेदारों ने भी लाबिंग तेज़ केर दी हैl हालाँकि अभी कोइ भी नाम खुल के सामने नहीं आया है पर हर एक कांग्रेस जिला परिषद सदस्य आजकल होलीलॉज और सचिवालय के इर्द गिर्द घूमता नज़र आ रहा हैl इस बार अध्यक्ष पद ओपन है तो ओपन श्रेणी के सदस्य कभी भी इस सुनहरे मौके को हाथ से नहीं जाने देंगे।
क्योंकि वर्तमान में परिषद में कांग्रेस समर्थित सदस्यों की संख्या अधिक है ऐसे में कांग्रेस समर्थित सदस्य की जीत सुनिश्चित भी मानी जा रही है पर बीजेपी समर्थित इंदु वर्मा, अगर वो चुनाव लडती है, की चुनोती को भी कम नहीं आक सकते। सरकार कांग्रेस की है और सदस्यों की संख्या भी कांग्रेस के पास है तो कांग्रेस को अध्यक्ष पद हासिल करने में मुश्किल नज़र नहीं जान पड़ती, पर क्योंकि राजनीति में उलटफेर और अनिश्चितता को दर्किनारे नहीं कर सकते, इसीलिए कांग्रेस को भी नए अध्यक्ष के लिए मजबूत उमीदवार को ही उतरना पड़ेगा अलबता परिणाम आश्चर्यजनक भी हो सकते हैl