हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश में पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने पर विशेष बल दे रही है तथा ग्रामीण, जनजातीय और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पांच हजार गाइडों को प्रशिक्षण देकर उन्हें राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्त किया जाएगा ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों का सही मार्गदर्शन हो सके।
शहरी विकास, नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा की प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं तथा इस क्षेत्र को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित करने से स्वरोज़गार के अवसर सृजित होंगे। राज्य में हर वर्ष पर्यटकों की आमद में निरन्तर वृद्धि हो रही है तथा पर्यटक केवल प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के भ्रमण तक ही सीमित रह रहे हैं। जबकि प्रदेश में असंख्य ऐसे रमणीक स्थल हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर पर्यटन उद्योग में बढ़ौतरी होगी। प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जाएगा जिसके लिये मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों के लिये मूलभूत सुविधाएं सृजित की जाएंगी।
सुधीर शर्मा ने आगे कहा की कांगड़ा जिला में धार्मिक पर्यटन सर्वाधिक है तथा जिला में अनेक ऐसे ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा ताकि शक्तिपीठों पर आने वाले श्रद्धालु जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राचीन भव्य मंदिरों के दर्शनों के साथ-साथ प्रकृति की नैसर्गिक छटा का आनन्द तथा लोक-संस्कृति से भी रूबरु हो सकें। प्रदेश में वर्ष-2012 के दौरान एक करोड़ 61 लाख पर्यटक ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया, जिससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिला है, वहीं पर स्थानीय लोगों को परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप में रोज़गार हासिल हुआ है।
महाराणा प्रताप सागर में पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा तथा इस क्षेत्र में जलक्रीड़ा व अन्य संभावित मनोरंजक पर्यटन गतिविधियों को शामिल किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।