हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर अपने आय के स्त्रोतों को छुपाने तथा ईमानदारी की झूठी चादर ओढ़ कर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री के विरूद्ध भ्रष्टाचार के मामले प्याज की तहों की तरह जगजाहिर हो रहे हैं। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आयकर सहित चुनाव आयोग को गलत तथ्य देकर अपनी आय को छुपाया है जो दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
पार्टी प्रवक्ता गणेश दत ने कहा है कि वकामुल्ला चंद्रशेखर के जिस पावर प्रोजेक्ट को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के बाद मुख्यमंत्री पर अंगुली उठनी शुरू हुई है वह मंत्रिमण्डल को बाई पास कर 3 बार मंत्रिमण्डल द्वारा प्रोजेक्ट को रदद करने के बाद आउट आफ दि वे, उसे नियमों को ताक पर रख कर दिया गया है। पार्टी ने कहा कि यह ठीक है कि 14.6.2002 वकामुल्ला की कम्पनी को पावर प्रोजेक्ट तत्कालीन उर्जा विभाग के अधिकारियों द्वारा आबंटित किया गया लेकिन 6 माह के भीतर औपचारिकताओं को पूरा न कर पाने के कारण दिसम्बर 2002 में वह प्रोजेक्ट रदद कर दिया गया था लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस शासन में उसे नवम्बर 2003 में पुन: वही प्रोजेक्ट दे दिया गया तथा सितम्बर 2004 में उसका एम ओ यू टर्मिनेट कर दिया गया लेकिन कांग्रेस सरकार के सत्ता से जाते 2007 में वकामुल्ला की कम्पनी को पुन: पावर प्रोजेक्ट अलाट कर दिया गया। इससे इस बात की पुषिट होती है कि वकामुल्ला की अच्छी दोस्ती मुख्यमंत्री के साथ रही है जिसका खुलासा वकामुल्ला चंद्रशेखर ने अपने बयान में अभी हाल ही में किया है।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने स्वयं स्वीकार किया है कि उन्होने वकामुल्ला की कम्पनी से शेयर खरीदे हैं तथा शेयर खरीदना कोई जुर्म नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री ने यह नहीं बताया कि उन्होनें जो शेयर खरीदे हैं उसका विवरण 2012 के विधानसभा चुनाव तथा 2013 के लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने चुनाव आयोग को दिये आय-व्यय असैटस लायबिलिटी में नहीं दिखाया है जो सीधे तौर पर अपराध की श्रेणी में आता हैं। पार्टी ने कहा कि शेयर खरीदना अपराध नहीं लेकिन खरीद कर उसे आयकर या चुनाव आयोग से छुपाना अपराध है तथा शेयर लेकर चुनाव आयोग में झूठा शपथ पत्र देना भी अपराध है।
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने इस बात को सिरे से खारिज किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता प्रतिपक्ष प्रो0 प्रेम कुमार धूमल ने वीरभद्र के खिलाफ साजिश की है। पार्टी ने कहा कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ साजिश उनके पार्टी के सहयोगियों ने ही की है जिसमें 1988-89 में उनके फोन टेप कर उसकी सीडी बनाकर जनता में बांटने व सीडी बजाने का काम उनके मंत्रिमण्डल के सहयोगी रहे कांग्रेस के नेता ने ही किया था उसमें भाजपा का कोई हाथ नहीं था।
अब दून के उनकी पार्टी के विधायक जो हत्या के मामले में जेल काट रहे हैं, ने कहा है कि उन्हें वीरभद्र सिंह ने फंसाया है। यधपि दून के विधायक का बयान उसकी अपनी सूचना के अनुसार हो सकता हैं, जिसका भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है। लेकिन दोनों मामलों में चाहे वह फोन टेप कर सी डी बनाने का मामला हो या हत्या के मामले में राम कुमार का जेल जाने का मामला हो, ये मामले कांग्रेस के भीतर के ही मामले हैं इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रो0 प्रेम कुमार धूमल पर मुख्यमंत्री के विरूद्ध साजिश के वीरभद्र सिंह के आरोप निराधार है।
पार्टी प्रवक्ता ने इस बात पर हैरानी प्रकट की है कि जो व्यकित 6 बार प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा हो उसे तथ्य छुपाने की क्या आवश्यकता पड़ गयी थी, क्या मुख्यमंत्री को यह पता नहीं था कि चुनाव आयोग के समक्ष एवं आयकर विभाग के समक्ष असेटस एवं लार्इबेलिटी का पूर्ण एवं सही विवरण दिया जाना आवश्यक था। प्रदेश की जनता इन सब विषयों की जानकारी चाहती है।