शिमला: जिला शिमला में मानसिक तौर पर अक्षम नागरिकों को संरक्षण देने के उददेश्य से राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अंर्तगत अभी तक 121 कानूनी सरंक्षक नियुक्त किए जा चुके है । यह जानकारी आज उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा ने राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अन्र्तगत गठित स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी ।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानसिक तौर पर विकलांग व्यकित अपने माता पिता ही नहीं अपितु पूरे परिवार पर आश्रित होते हैं। उन्होने बताया कि मानसिक मंदता, ओटोजम, बहुआयामी विकलांगता, सेरेबल पेलेसी व मानसिक अक्षमता इस रोग के ही रूप हैं । इन रोगों से पीडित बच्चों के माता-पिता, भार्इ-बहन, व अभिभावकों को कानूनी तौर पर राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अंर्तगत संरक्षक बनाये जाने का प्रावधान है ।

उन्होने बताया कि इस अधिनियम के अंर्तगत इन रोगों से पीडित बच्चों के अभिभावकों को जिला कल्याण अधिकारी या तहसील कल्याण अधिकारी को चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा ताकि उन्हें कानूनी संरक्षक का प्रमाणपत्र जारी किया जा सके ।

उन्होंने बैठक में बताया कि इस वर्ष जिला मे खंड स्तर पर विशेष विकलांगता शिवरों के आयोजन के माध्यम से 585 लोगों की विशेष विकलांगता जांच की गर्इ जिनमें से 166 व्यकितयों को विशेष विकलांगता प्रमाणपत्र जारी किए गए ।

उपायुक्त ने मानसिक रूप से अक्षम व्यकितयों के अधिक से अधिक कानूनी संरक्षक दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा इस सम्बन्ध में विभाग को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये ।

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.आर.के.गुप्ता, जिला कल्याण अधिकारी ओंकार चंद, जिला कार्यक्रम अधिकारी के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारी भी उपसिथत थे ।