शिमला : अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत इस वर्ष विभिन्न मामलों में 1 लाख 5 हजार रूपये की राशि प्रभावितों को राहत के रूप प्रदान की गर्इ है । मुख्य संसदीय सचिव नन्द लाल ने आज नियम के तहत गठित जिला स्तरीय सर्तकता एवं प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी ।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस नियम के तहत मामलों में कठोरता बरती जाए और लमिबत न रख मामलों को जल्द निपटारा कर प्रभावितों को न्याय प्रदान किया जाए । उन्होंने कहा कि उप-मण्डलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी सी.डी.पी.ओ. अपने स्तर पर 10-10 स्कूलों व आंगनबाडि़यों में व्यकितगत तौर पर निरिक्षण कर इस सन्र्दभ में आ रही शिकायतों पर गौर करें और लोगों को जागरूक भी करें ।
जिला दण्डाधिकारी दिनेश मल्होत्रा ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के उदेश्य से जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । अक्तूबर व नवम्बर माह में छुवारा, बसन्तपुर व रामपुर में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा । उन्होंने बताया कि इस नियम के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए 35 थानों में बोर्ड लगाए जा चुके है जबकि विभिन्न स्कूलों में बोर्ड लगाने का कार्य प्रगति पर है । उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत विभिन्न जांच प्रकि्रया चल रही है 23 मामलों में जांच प्रकि्रया चल रही है ।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए है जिनमें से दो मामलें सबूतों के अभाव में निरस्त हो गए जबकि 6 मामलों में चलान पेश किए गए है तथा 7 मामलों में जांच प्रकि्रया जारी है । निशा कुमारी पुत्री लक्ष्मी राम गांव हिवण डाकघर डुब्लू, त. व जिला शिमला के मामले में उन्होंने पुलिस को हस्तक्षेप करने के निर्देश भी दिए ।
बैठक में समिति मे और 3 गैर सरकारी सदस्यों को शामिल करने के लिए विस्तृत चर्चा की गर्इ व जल्दी ही नामों का खुलासा कर दिया जाएगा । गैर सरकारी सदस्य जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रहलाद कश्यप, सदस्य धर्मिला, नागरूराम, एस.एस. नेगी, उत्तम सिंह कश्यप व सरकारी सदस्य उपमण्डलाधिकारी ग्रामीण जी.एस.नेगी, परियोजना अधिकारी, राजेश धीमान, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक सन्दीप धवल व सदस्य सचिव ओंकार चन्द बैठक में उपसिथत थे ।