पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा, केंद्र का बजट हिमाचल की घाेर उपेक्षा
शिमला: विपक्ष ने केंद्रीय बजट काे सिरे से नकार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय बजट में प्रदेश की घोर उपेक्षा पर दुख जताते हुए कहा है भाजपा का डबल इंजन का दावा पूरी तरह झूठा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार हिमाचल के साथ भेदभाव कर रही है। प्रदेश के विकास की किसी भी योजना का कोई भी प्रारूप हिमाचल के लिये नही रखा गया है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने रेल बजट पर भी प्रदेश की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसके विस्तारीकरण की भी कोई योजना इसमें नही है।
वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बजट पूरी तरह दिशाहीन है जिसकी न कोई दिशा है न दशा। बजट में ऐसी कोई योजना नही है जिससे देश मे बढ़ती बेरोजगारी पर कोई अंकुश लग सके और देश की विकास दर बढ़ सकें। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि इस बजट में उन राज्यों को विशेष महत्व दिया गया है जहां इस वर्ष चुनाव होने है। उन्होंने कहा है बजट में किसानों, बागवानों व छोटे उद्योगों के विकास को कोई भी योजना नही है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि बजट में लोगों को लुभाने की कोशिश की गई है पर देश को इससे बहुत निराशा ही हाथ लगी है।
हिमाचल के साथ अन्याय कर रही माेदी सरकार
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश को उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार प्रदेश के साथ बड़ा अन्याय कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह बजट उन राज्यों को देख कर बनाया गया है जहां इस साल चुनाव होने वाले है जिससे उन्हें चुनावों में इसका कोई राजनीतिक लाभ मिल सकें।
राठौर ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जबकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश से है और केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री भी प्रदेश से संबद्ध रखते है ऐसे में प्रदेश के लिए किसी भी नई योजना को न देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में प्रदेश में रेल व राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की जो बात कही गई थी,इसबार उनका इस बजट में लेश मात्र भी उल्लेख नही है।
गरीब की जेब खाली, पूंजीपतियों की तिजोरी भरने वाला है यह बजट: राणा
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर टिप्पणी करते हुए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने की यह बजट आम गरीब नागरिक के हाथों से नकदी को दूर करने का मन्सूबा बना चुकी केंद्र सरकार देश की संपत्तियों व परिसंपत्तियों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलु उत्पाद जीडीपी में 37 महीनों की रिकार्ड गिरावट का तो इस बजट में सरकार ने कोई उल्लेख नहीं किया है और न ही अर्थव्यवस्था की गति पर कोई ध्यान दिया है। राणा ने कहा कि वित्त मंत्री के बजट संवाद में इसका कोई जिक्र नहीं है। हालांकि करीब 3 दशकों में देश की जीडीपी रसातल में जाने के बाद यह सबसे बड़ा आर्थिक संकट देश पर बना हुआ है। लेकिन सरकार का पूरा फोक्स बेशकीमती संपत्तियों को बेचने के अलावा बजट में कोई मुख्य ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट की सबसे बड़ी बात यह उभर कर आई है कि देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़े या न बढ़े लेकिन देश की संपत्तियों और परिसंपत्तियों को बेचना है।
केंद्र का बजट महज आंकड़ों का मायाजाल: भंडारी
युवा कांग्रेस अध्यक्ष निगम भंडारी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह महज आंकड़ों का मायाजाल बुनकर अपनी नाकामियां छुपाने का असफल प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा है कि इस बजट से देश मे महंगाई व बेरोजगारी बढ़ेगी। बजट में आम लोगों को भी कोई राहत नही है। बजट पूरी तरह दिशाहीन है व नकारा है।