केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर अन्नदाता के आर्थिक सशक्तिकरण व उन्हें फ़सली नुक़सान से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही फसल बीमा योजना के 5 साल पूरा होने पर किसानों को इसकी बधाई देते हुए इस योजना को अन्नदाता की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर बताया है ।

अनुराग ठाकुर ने कहा ”अन्नदाता ऊर्जादाता बने और आर्थिक रूप से समृद्ध बने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी निर्णायक कदम उठा रहे हैं। किसानों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 5 वर्ष पूरे हो गए हैं। किसानों को हर साल बाढ़, आंधी, तेज बारिश,प्राकृतिक आग व बादल फटने के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से राहत देने के लिए आज से पाँच वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री कृषि फसल बीमा योजना की शुरूआत की गई थी। इसके अंतर्गत नुकसान का कवरेज बढ़ने और जोखिम कम होने से करोड़ों किसानों को लाभ हुआ है।”

इस योजना के तहत किसानों को सबसे कम प्रीमियम पर एक व्यापक फसल जोखिम बीमा समाधान मिलता है । यह योजना अन्नदाता की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा

“मोदी सरकार का प्रयास है कि ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को इस कल्याणकारी योजना का लाभ मिल सके। किसानों के हिस्से के अतिरिक्‍त प्रीमियम का खर्च राज्य और केंद्र सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जा रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार ने 90 प्रतिशत प्रीमियम राशि प्रदान करती है। पीएमएफबीवाई के तहत औसत बीमित राशि पहले प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दिया गया है। मोदी जी द्वारा शुरू की गई इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं।अब तक इस योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है। तकनीकी का इस्तेमाल व आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है। कोरोना लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को इस योजना लाभ हुआ और 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को हस्तांतरित किए गए”

अनुराग ठाकुर ने कहा “किसानों का आसानी से नाम लिखने के लिए पीएमएफबीवाई पोर्टल, फसल बीमा मोबाइल ऐप को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ना, फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी, रिमोट सेंसिंग टेक्‍नोलॉजी, ड्रोन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नॉलोजी का इस्‍तेमाल शामिल है। योजना में शामिल होने वाली प्रक्रिया में बुवाई से पूर्व चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र हैं, इसमें रोकी गई बुवाई और फसल लगने के बाद होने वाला नुकसान भी शामिल है।यह योजना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर किसान के लिए फसल नुकसान की रिपोर्ट करना आसान बनाती है। प्रधानमंत्री का संकल्प है कि देश के किसानों की आय को 2022 तक दोगुना कर देंगे। किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए, आय दोगुनी करने का संकल्प मोदी सरकार से पहले इस देश में किसी सरकार ने नहीं लिया”