नए कृषि कानूनों से कृषि-कृषक को मिला न्याय, दुगुनी होगी अन्नदाता की आय

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार को कृषि व कृषक हितैषी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 9 करोड़ किसानों के खातों में सीधा 18 हज़ार करोड़ रुपए ट्रांसफ़र करने पर हर्ष जताया व इससे किसानों को आर्थिक बल मिलने की बात कही है।

अनुराग ठाकुर ने कहा ”मोदी सरकार सदा से किसान हितैषी रही है। प्रधानमंत्री ने किसानों के हितों में जितने कदम उठाए हैं उतना पिछले 70 सालों में कोई सरकार नहीं कर पाई। मोदी ने बिना किसी भेदभाव के पीएम किसान सम्मान निधि के तहत एक बटन दबाकर नौ करोड़ किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। यह किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण है। इस योजना के तहत हर साल किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में भेजी जाती है। इस तरह तीन किस्तों में किसानों के खातों में हर साल कुल 6,000 रुपये भेजे जाते हैं जिसका उपयोग हमारे अन्नदाता कृषि कार्यों में कर पाते हैं। मोदी सरकार बिना किसी बिचौलिये को लाए हुए सीधा किसानों के हाथों में पैसा पहुँचा रही है। ये एक बड़ा बदलाव है जिसे देश का अन्नदाता महसूस कर रहा हैl”

अनुराग ठाकुर ने कहा

”भारत के मेहनती किसान देश की खुशहाली और समृद्धि के वाहक हैं, जिन पर पूरे देश को अभिमान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अन्नदाता की आय दुगुनी करने,फसलों का सही मूल्य दिलाने, कृषि को तकनीकी से जोड़ने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं। मोदी सरकार नए किसान क़ानून के ज़रिए वर्षों से शोषित और प्रताड़ित सीमांत किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण व उन्हें बराबरी का हक़ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है मगर कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दल इस किसान क़ानून का अनुचित विरोध करके किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। किसान भाई इनके झाँसे में आए बिना सत्यता की कसौटी पर मोदी सरकार की नीतियों और प्रतिबद्धता को परखें व मोदी जी पर भरोसा रखें कि वो किसान का अहित कभी भी नहीं होने देंगे। दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था मगर अब मोदी जी ने उन्हें इन ज़ंजीरों से मुक्त करने का काम किया है”

आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा ”कुछ दल राजनीति कर रहे हैं और ये लोग अपने घोषणा पत्र में कह चुके थे कि जब सत्ता में आएंगे तो यही करेंगे।क्या ये लोग नहीं चाहते कि किसानों के लिए एक देश एक बाजार हो,किसान को अच्छा पैसा मिले, उनका अच्छा व्यापार हो. क्या किसान अच्छा पैसा कमाने का हकदार नहीं है।तात्कालिक भ्रम फैलाते हुए जो यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली समाप्त हो जाएगी तो इस पर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री साफ़ कर चुके हैं कि एमएसपी पहले की तरह चलती रहेगी। एक भ्रांति यह भी फैलाई गई है कि कृषक यदि कृषि उत्पाद मंडियों के बाहर बेचेंगे तो मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो इस संबंध में यह स्पष्ट है कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी, वहां राज्यों के अधिनियिम व उनकी व्यवस्था के तहत पूर्ववत व्यापार होता रहेगा।मोदी जी ने मंडियों के सुधार के लिए 2500 करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था की है।अगर मोदी जी ने व्यापारियों की तरह ही किसानों को भी उत्पाद बेचने के लिए विकल्प उपलब्ध कराया तो इसमें ग़लत क्या है।कांग्रेस जीएसटी लाना चाहती थी,नहीं ला पाई मगर उसे हम लेकर आए तो यही कांग्रेस उसका विरोध करने लगी।अब यही रवैया कांग्रेस किसान बिल को लेकर अपना रही है।कांग्रेस ने जिस बात का ज़िक्र अपने घोषणा पत्र में किया था, मोदी सरकार ने उसे लागू करने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी तब झूठ बोल रही थी या अब,उन्हें ये साफ़ करना चाहिए”