शिमला: शिमला जिला में वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान समेकित बाल विकास परियोजना के अन्र्तगत महिला एवं बाल विकास से सम्बनिधत विभिन्न योजनाओं के तहत 17 करोड़ रू. की राशि खर्च की जा रही है । जिस में से 31 दिसम्बर 2013 तक 11 करोड़ 60 लाख रू. की राशि व्यय की जा चुकी है । यह जानकारी उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा ने आज जिला स्तरीय पुर्ननिरिक्षण एवं समीक्षा कमेटी की अध्यक्षता करते हुए दी ।
उन्होंने बताया कि जिला शिमला में दिसम्बर 2013 तक पोषाहार कार्यक्रम के तहत 0 से 6 वर्ष की आयु के 44140 बच्चों तथा 9730 प्रसूति महिलाओं को पौषिटक आहार उपलब्ध करवाकर लाभानिवत किया गया जबकि 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के 16796 बच्चों को 31 दिसम्बर तक पूर्वशाला शिक्षा कार्यक्रम के तहत लाया गया ।
उन्होंने बताया कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुन्नी में 28 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि मातृ व शिशु को बेहतर स्वास्थ्य व संतुलित पोषाहार बारे जानकारी प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि जिला में बेटी है अनमोल योजना के तहत इस वर्ष अभी तक 69 लाख 34 हजार रू. के मुकाबले 62 लाख 80 हजार रू. की राशि खर्च कर 90 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है ।
उपायुक्त ने सम्बनिधत विभाग को निर्देश दिये कि जिले में चल रहे सभी आगंनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को स्वच्छ पेयजल तथा सन्तुलित पोषहार उपलब्ध करवाएं । उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए सरकारी भवन व शौचालय उपलब्ध करवाने के लिए मामला जिला प्रशासन को शीघ्र भेजे।
इस अवसर जिला कार्यक्रम अधिकारी आर.पी. चौहान, परियोजना अधिकारी डी.आर.डी.ए. रमेश धीमान, उप-निदेशक कृषि तथा जिला के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी व आंगनबाड़ी निरीक्षक भी उपसिथत थेl