शिमला जिला के विभिन्न स्थानों पर लगाए जा रहे जल विधुत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि उर्जा किसी भी देश के विकास की वह महत्वपूर्ण कड़ी है जो वहां की आर्थिक सिथति को गति प्रदान करती है । इससे न केवल उधोग धन्धों को लाभ मिलता है, बलिक लोगों को रोजगार भी मिलता है तथा स्थानीय क्षेत्रों का विकास होता है । उन्होंने परियोजनाओं के संचालाकों से कहा कि सरकार द्वारा जल विधुत परियोजना के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवार्इ जा रही हैं इसलिए आवश्यक है कि इन परियोजनाओं को समय से पूरा किया जाए ।
उपायुक्त ने बताया कि शिमला जिला में 5 मैगावाट से कम की 79 जल विधुत परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है इसके अलावा जिले में 5 मैगावाट से अधिक की 5 परियोजनाएं भी चल रही है । इन परियोजनाओं द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के तहत 11 करोड़ रू. वहां की पंचायतों के विकास कार्यो के लिए जमा करवाएं गए हैं इनमें से अभी तक साढ़े छ: करोड़ रू. क्षेत्र के निवासियों की मांग के अनुरूप विकास कार्यो पर खर्च किए गए है और शेष पर कार्य जारी है ।
उन्होंने बताया कि 111 मैगावाट की सावड़ा कुडडु परियोजना द्वारा 6 करोड़ 31 लााख प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यो के लिए उपलब्ध करवाएं गए है जिसमें से 3 करोड़ 26 लाख मांदल, रावी, थाना, सरस्वती नगर, सारी, झालटा, कुडडू और सीमा में विभिन्न विकास कार्यो पर खर्च किए गए है जिसमें मतस्य पालन विभाग को मतस्य पालन के लिए 31 लााख रू., पुजारली मनिदर के लिए 20 लाख तथा भरोग में जलापूर्ति के लिए 14 लाख शामिल हैl
उपायुक्त ने बताया कि रामपुर की 412 मैगावाट सतलुज जल विधुत परियोजना द्वारा 65 लाख रू. इस निधि के तहत विकास कार्यो के लिए उपलब्ध करवाए गए जिसे दत्तनगर क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यो के लिए खर्च किया गया । इसमें प्राथमिक पाठशाला दत्तनगर में 12 लाख, वरिष्ठ मा.पा. के मंच के लिए 16 लाख दातरा स्वामी मनिदर के लिए 14 लाख तथा सामुदायिक केन्द्र निरसू के लिए 10 लाख रू. शामिल हैं ।
24 मैगावाट की कूट परियोजना द्वारा स्थानीय विकास के लिए 1 करोड़ रू0 उपलब्ध करवाया गया जिसे कयाओ तथा कूट पंचायत में 40 विभिन्न विकास के कार्यो पर खर्च किया जा रहा है । इसमें तलार्इ में गलियों के निर्माण पर 20 लाख, देवता किनफी मनिदर पर 10 लाख, सामूदायिक भवन क्याओं पर 8 लाख तथा सुरू खडड पर पुल निर्माण के लिए 8 लाख रू. शामिल हैं ।
14 मैगावाट की सुमेज परियोजना के तहत 30 लाख रू. स्थानीय विकास के उपलबध करवाएं गए है जिसमें से 10 लाख रू. मनिदरों के रख रखाव के लिए खर्च किए गए । 10 मैगावाट की लोअर नान्ती परियोजना द्वारा 20 लाख, 12 मैगावाट की जोगनी परियोजना द्वारा 30 लाख तथा ज्यूरी (लोअरमंगलाड़) द्वारा 11 लाख रू. उपलब्ध करवाए गए हैं जिन्हे वहां के विकास कार्यो पर लोगों की मांग व आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा ।
14 मैगावाट की कुरमी परियोजना के माध्यम से उपलब्ध 25 लाख में से 15 लाख रू. ग्राम पंचायत फांचा में सड़क निर्माण के कार्यो पर खर्च किए गए । इस अवसर पर ए.डी.एम. डी.के रत्न, एस.डी.एम रोहडू वार्इ.पी.एस. वर्मा, एस.डी.एम चौपाल, कृष्ण चन्द भी उपसिथत थे ।