पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कांग्रेस सरकार पर निशाना सादते हुए कहा है कि जब से कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है तब से लगातार फोन टैपिंग के मामले पर इसके नेता ब्यानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने प्रारम्भ में ही किसी भी जांच का स्वागत किया था और यह मांग भी की थी कि इस सारे मामले की उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच करवाई जाये और जो भी इस में दोषी पाया जाये उसे सजा दी जाये।
धूमल ने दावा किया की उनके कार्यकाल के दौरान किसी के भी फोन टैप करने के आदेश नहीं दियेl पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर टिपणी करते हुए पूछा कि जांच एजैंसियां किसको रिर्पोट कर रही हैं? मुख्यमंत्री को या सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री को या पार्टी के पदाधिकारियों को? हर कोई अलग-अलग आंकड़े दे रहा है उन आंकड़ों का आधार क्या है? फोन टैपिंग के मामले पर गृह मंत्रालय यदि जांच कर रहा तो मुख्यमंत्री का बयान बाद में आया और सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री तथा पार्टी पदाधिकारियों ने पहले जानकारियां प्रैस में दीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या आजकल भी फोन टैप हो रहे हैं? क्या इस शोर-शराबे में तस्कर और समाज विरोधी तत्व लाभ तो नही उठा रहे हैं? क्योंकि पिछले दिनों समाचार आया था कि प्रदेश की किसी बस में सहारनपुर में दो करोड़ की हिरोईन पकड़ी गई। कहीं इस ढील का लाभ समाज विरोधी तत्वों द्वारा तो नही उठाया जा रहा है?
प्रो0 धूमल ने पूछा कि क्या फोन टैपिंग के मामले को तूल देकर राजनीतिक गलतफहमियां तो पैदा नही की जा रही ? समाज विरोधी गतिविधियों, तस्करी, गम्भीर अपराधों की रोकधाम के लिए ऐसे यंत्रो के लिए हर सरकार मदद देती है। अगर किसी ने अवैध रूप से इस सुविधा का दुरूपयोग किया हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। परन्तु गुप्त सूचनाओं को जगजाहिर करना भी गम्भीर अपराध है, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। मिथ्या दोषारोपण करने से किसी का भी लाभ नही होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिये की जो वायदे उन्होंने जनता से किये हैं, उनको निभाने के लिए कार्य योजना बनाये न कि समाज में फिजूल का भ्रम फैलाने का। क्योंकि सरकार की कार्यप्रणाली को देखते हुए तेजी से लोगों विशेष करके कर्मचारियों, मजदूरों, किसानों, बागवानों का मोह इस सरकार से भंग हो रहा है।