प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक शीतकालीन सत्र के बाद शिमला में बुलाई जानी निश्चित हुए है जिसमें प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शांता कुमार, प्रभारी कलराज मिश्र, सह प्रभारी श्याम जाजू, राज्य संगठन महामंत्री पवन राणा, राष्ट्रीय महासचिव जेपी नड्डा मौजूद रहेंगे। फ़िलहाल किसी तिथि का निर्धारण अभी नहीं किया गया है पर इसके जनवरी माह में ही होने के कयास लगाये जा रहे हैl

सूत्रों की माने तो कोर कमेटी की बैठक में कुछ कड़े कदम भी उठाये जा सकते है जिसमे कई कर्वकर्ताओं और नेताओं पर गाज गिर सकती है। पार्टी सूत्रों से पता चला है की कोर कमेटी की बैठक में ऊना बैठक से मिले फीडबैक के आधार पर भितरघात पर कारवाही हो सकती है। क्योंकी चुनाव हरने के बाद भाजपा के दोनों प्रमुख गुट एक-दुसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे है, लिहाज़ा कोर कमेटी की बैठक में कोई ठोस परिणाम निकलने की उम्मीद न के बराबर हैl हो सकता है की चुनावों के बाद उठ रहे बवाल को शांत करने के लिए कुछ ऐसे नेताओं पर ही कार्रवाई हो सकती है, जिनसे दोनों गुटों के वरिष्ठ नेताओं को दिक्कतें न हों, मतलब महज औपचारिकता के लिए ऐसी कार्रवाई हो।

वैसे भी वर्तमान स्वरुप को देखते हुए और चुनाव में मिली हार के बाद उत्पन हुए समीकरण से तो लगता है की पार्टी के वरिष्ठ नेता कोई बीच का रास्ता चुनेंगे जिससे आगामी लोक सभा चुनाव में पार्टी के लिए संगठन को साथ लेकर काम किया जा सकेl

संगठन को मज़बूत करने के लिए भाजपा अभी मंडल और ज़िला निकायों के चुनाव में व्यस्त है और इसके बाद भावी अध्यक्ष के लिए भी गठजोड़ शुरू हो जायेगाl वैसे तो नए अध्यक्ष के प्रयास अभी से ही शुरू हो गए है और प्रदेश में पार्टी की कमान अपने हाथ में रखने के लिए दोनों गुट फिर से आमने-सामने दिख रहे हैं। पार्टी का प्रयास तो यही रहेगा कि लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा अध्यक्ष लाया जाए, जो पार्टी को मजबूत बनाकर लोकसभा चुनाव जीतने की क्षमता रखता हो पर क्योंकी पार्टी के अंदर मनमुटाव और राजनेतिक प्रतिस्पर्धा मुखर है, के चलते अध्यक्ष पद के लिए भी दोनों गुटों को फिर से आंतरिक सपर्धा से गुज़ारना पड़ेगा।