शिमला: उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा ने आज यहां बताया कि इस वर्ष जिला शिमला में सेब की 2.30 करोड पेटियां उत्पादन होने का अनुमान है । पिछले वर्ष 3.60 करोड सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था।
उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष सेब मौसम के दौरान परिवहन व अन्य प्रबंधों के नियंत्रण के लिए जिला शिमला के फागू स्थित मुख्य सेब नियंत्रण कक्ष को क्रियाशील कर दिया गया है। इसके अलावा ठियोग के बलग के समीप नैना, चैपाल के फेडज पुल, नारकंडा और रामपुर स्थित सभी उप नियंत्रण कक्ष भी क्रियाशील कर दिए गए हैं। नियंत्रण कक्षों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
दिनेश मल्होत्रा ने बताया कि सेब के परिवहन के लिए प्रयोग किए जा रहे सभी ट्रकों का निरीक्षण किया जा रहा है और उनके दस्तावेजों का रिकार्ड भी रखा जा रहा है ताकि चोरी व अन्य घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि चालकों व उनके सहायकों को वाहन के सघन निरीक्षण और दस्तावेजों के आधार पर पहचान पत्र जारी किए जा रहे है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में सभी चिन्हित स्थानों पर 180 पुलिस बल तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि छराबडा, शोघी तथा मैहली में सेब वाहनों के नियंत्रण के लिए पुलिस बैिरयर स्थापित किए गए हैं। सभी ए.पी.एम.सी. को सेब मंडियों का समय समय पर निरीक्षण करने के आदेश दिए गए हैं।
दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेश संख्या 1/2014 के अनुसार इस वर्ष स्टैंडंर्ड यूनिवर्सल कार्टन में पैकिंग के लिए 20 किलोग्राम की सेब पेटी (22.5 कि.ग्रा.के सकल भार) के लिए भाड़ा निर्धारित किया गया है, इस वर्ष भाड़े की दर को पिछले वर्ष के मुकाबले 12 फीसदी बढाया गया है। पुलिस और उपमंडलाधिकारियों को इन मानकों को सख्ती से पालन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, साथ ही जिला प्रशासन अन्य राज्यों की विभिन्न ट्रक यूनियनों के साथ भी सम्पर्क बनाए हुए हैं ताकि ट्रकों की कमी की समस्या उत्पन्न न हो।
ट्रक यूनियनों और फल उत्पादकों के साथ जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों की अध्यक्षता में उप मंडल स्तर पर बैठकों का आयोजन भी किया गया है, ताकि बागवानों को सेब सीजन के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
सडक बाधित होने के कारण यातायात नियमन के लिए किसी समस्या का सामना न पडे इसके लिए मुख्य मार्गो पर हर 15 कि.मी. की दूरी के बाद क्रेन आॅप्रेटरों के नम्बर भी प्रदर्शित किए गए हैं ताकि किसी भी बाधा को तुरन्त हटाया जा सके । लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों की मुरम्मत के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।