शिमला: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत प्रदेश में स्वरोजगार तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रू. के ऋण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उपलब्ध करवाए जाएगें जिससे ग्रामीण क्षेत्र मे आजीविका के साधान बढ़ेगे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजत होगें । यह जानकारी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास पशुपालन मंत्री अनिल शर्मा ने आज जिला परिषद की वित्त सम्परीक्षा व योजना समिति की बैठक की अध्यक्ष्ता करते हुए दी ।
उन्होंने कहा कि इस मिशन को ग्रामीण क्षेत्रों में सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की अहम भूमिका रहेगी । उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं, स्वयं सहायता समूह महिला मण्डलों तथा समाज के सभी वर्गो को प्रेरित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस मिशन से लाभानिवत हो सकें ।
उन्होंने बताया कि आजीविका कार्यक्रम के तहत ग्रामीण युवाओं को मुफत प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी जिसमें गरीब परिवार के युवाओं प्राथमिकता दी जाएगी । प्रशिक्षण के लिए निजी कम्पनियां भी प्रशिक्षण प्रदान करेगी तथा प्रशिक्षण के उपरान्त रोजगार की व्यवस्था भी सुनिशिचत करेगी ।
उन्होंने बताया कि येाजना के अन्र्तगत महिला स्वयं सहायता समूह का भी गठन कर उन्हें 3 लाख रूपये की राशि 4 प्रतिशत व्याज के आधार पर विभिन्न कार्यो के लिए ऋण के रूप में दी जाएगी।
उन्होंने जिला परिषद के माध्यम से किए जा रहे विभिन्न कार्यो के बारे में समस्त सदस्यों के साथ चर्चा की । उन्होंने कहा कि यदि जिला परिषद के धन को मनरेगा के कार्यो मे भी लगाया जाए तो विकास कार्यो के साथ-साथ लोगों को अधिक रोजगार उपलब्ध होगा । 13वें वित्त आयोग के तहत जिला परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यो की समीक्षा भी की । जिला परिषद सदस्यों द्वारा रखी गर्इ विभिन्न मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया । उन्होंने कहा कि सदस्यों की मांगों को मुख्यमंत्री के समुख प्रस्तुत कर इस पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा। अध्यक्ष चन्दे्रश्वर प्रसाद ने स्वगत करते हुए मांगे प्रस्तुत की । उपाध्यक्ष प्रहलाद कश्यप व सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया । अतिरिक्त उपायुक्त डी.डी. शर्मा ने चर्चा में भाग लिया।