अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण इनर लाइन परमिट चेकपोस्ट अकपा से डुबलिंग शिफ्ट करने के लिए राज्य पुलिस ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया। हिमाचल पुलिस गृह मंत्रालय के आदेशों को भी नहीं मान रही है। हालांकि मंत्रालय ने बीते 11 मार्च को इनर लाइन परमिट चेकपोस्ट शिफ्ट करने को कहा था, लेकिन हिमाचल पुलिस ने चार माह बाद भी चेकपोस्ट शिफ्ट नहीं हो पाई। बताया गया कि भारत-चीन सीमा विवाद को देखते हुए इनर लाइन परमिट चेकपोस्ट डुबलिंग में शिफ़्ट होने से जिला किन्नौर के पूह ब्लॉक की 27 पंचायतों को इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे में जब तक चेकपोस्ट की शिफ्टिंग नहीं होती, तब तक 27 पंचायतों के लोगों को इनर लाइन परमिट लेनी होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के आग्रह पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने अकपा चेकपोस्ट को अब डुबलिंग पुल के पास स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया है। गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को इनर लाइन परमिट चेकपोस्ट को अकपा से डुबलिंग पुल के पास शि ट करने के आदेश जारी हुए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा हिमाचल सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार अकपा इनर लाइन परमिट चेकपोस्ट के अंतर्गत पूह के 41 गांव आते हैं। अब डुबलिंग पुल के पास चेकपोस्ट स्थापित होने से पूह ब्लॉक के केवल 14 गावों कुन्नू, चारंग, नेसंग, डुबलिंग, डुबलिंग, खाब, नमज्ञा, टाशींग, यंगथंग, मलिंग, नाको, मलिंग डोगरी और चांगो को ही इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता होगी।
इन गांव के लोगों को मिलेगी राहत
इनर लाइन परमिट चेकपोस्ट डुबलिंग शिफ्ट होने से 27 गांव के लोगों को परमिट लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें सुमरा, लियो, हांगो, चुलिंग, हंगरंग पूह, लाबरंग, पूह, शलखर, श्यासो, सुन्नम, ज्ञाबुंग, तलिंग, रोपा, रुषकुलंग, कानम, लाबरंग, स्पीलो, मोरंग, ग्रामंग, थोबारिंग, खोक्पा, शिलिंग, रुबंग, ठंगी, लंबर, लिप्पा और आसरंग गांव इनर लाइन परमिट से बाहर होंगे। वहीं लाहौल-स्पीति के नौ गांव ग्यू, कौरिक, चेक पोस्ट समधो, हुर्लिंग, ताबो, लडी, पौह, धनखर और शिचलिंग को इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता रहती थी। ऐसे में अब डुबलिंग पुल के पास इनर लाइन परमिट चेक पोस्ट स्थापित होने से लाहौल-स्पीति के चार गांवों को इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता नहीं होगी।