बेबाककलम: शिमला अब पिछड़ा नहीं रहा … माया नगरी की सभी विशेषतए लिए शिमला अब माया नगरी का काला चहरा भी दिखाने लगा है कहते है मुंबई के बाद कहीं फेशन सबसे पहले पहुंचता है तो वो शिमला है …..
अदाकारी मे शिमला के कलाकारो ने अपना लोहा कई मर्तबा मनवाया पर इस चमकती दुनिया का काला सच देर सवेर सामने आना ही था …. सुबह के समाचार पत्र के मध्यम से पता चला की माडलिंग के नाम पर जिस्म फरोशी का धंधा चल निकला है वो भी शिमला का प्रकरण …. हेरनी नहीं हुई क्यूंकी पिछले कुछ समय से प्रदेश मे टेलेंट की खोज करने वाले कुछ ज्यादा ही दिखने लगे है … जिसमे ज़्यादातर एसे जिनका ग्लेमर की दुनिया से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं …. संगीत के कार्यक्रम वो लोग करवा रहे है जिन को संगीत के सुर का तक ज्ञान नहीं … जिसे देखो आपके बच्चे के छुपे टेलेंट की फिक्र वो भी यकायक … ऐसा क्यूँ ?
मजे की बात उनके इन बे-सर-पेर के इवैंट पर रिबन काटने मंत्री जी और प्रशासनिक अधिकारी … प्रिन्सिपल … और वो भी अति उत्साह मे बोल देते है बड़ी बड़ी बाते …. बगैर जाने की इस इवैंट का सच क्या है ….
अभी एक इवेंट की एफ़ बी पेज को चेक किया … शिमला के माल रोड पर टहलने वाली युवतियाँ व नवयुवको की फोटो … लिखा था कम से कम 30 लाइक मिलेंगे तभी ये मडलिंग के सरताज बन पाएंगे ?
वो भी दिखे जो ढंग से बात नहीं कर पाते मिलने पर … हाय रे फेमस होने का कीड़ा … कम से कम ये तो चेक कर लो की जो आपको स्वप्न दिखा रहे है उनका बेकग्राउंड क्या है ? कौन सी कंपनी …. कोई पुछ ताच …. नहीं फेशन मूवी का वो संवाद याद आता है … तुम मिडल क्लास वालो की बहुत दिक्कत है कोई अँग्रेजी मे मांग ले कुछ भी देने को तयार हो जाते हो …. सही सटीक …. केवल बच्चो पर नहीं सारे प्रशासन पर सही बेठता है …
कैसे कोई प्रिन्सिपल …. मंत्री … प्रशासनिक अधिकारी बिना जांच पड़ताल के एसे इवैंट मे रिबन काटने चल पड़ते है … और फिर उनके साथ खिचे फोटो दिखा दिखा कर ये लोग बच्चो पर इम्प्रेश्न जमाते है … ये चूक केवल फेम की दीवानी नई जनरेशन की नहीं, उस प्रशासन की भी है जो ऐसे लोगो को पनपने दे रही है जो युवाओ का मानसिक आर्थिक व शारीरिक शोषण करते है ।
प्रदेश मे चल रहे यदि सभी टेलेंट हंट शो की जांच की जाए तो अधिकतर फर्जी पाये जायेंगे पर “हू विल बेल द कैट ” टाइम किसके पास है ? मंत्रियो के आगे पीछे घूमने से फुर्सत किसे है ……….. अत्यंत कड़वा