शिमला, 15 सितम्बर : योग केवल शारीरिक रोगों से बचाव का ही साधन नहीं अपितु आत्मा को परमात्मा से मिलाने का भी साधन है । यह उदगार आज प्रधान सचिव शिक्षा आर.डी.धिमान ने हि.प्र.राज्य ओपन योग प्रतियोगिता के उदघाटन अवसर पर इंदिरा गांधी खेल परिसर में प्रकट किएl इस प्रतियोगिता मे जिले के 7 स्कूलों एवं कालेजों के 130 छात्र एवं छा़त्राओं की योग प्रतियोगिता में भाग लिया ।
उन्होंने कहा कि योग द्वारा न केवल शरीर को निरोगी ही बनाया जा सकता है परन्तु मन की वृतियों को भी काबू किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि भौतिकतावाद की अंधी दौड में समाज में येाग को अपनाने की बहुत आवश्यकता हैं। यही कारण है कि आज भारतवर्ष में योग को वह सम्मान नहीं मिल पाया है जो पशिचमी देशों मे प्राप्त हुआ है ।
उन्होंने कहा कि पंतजलि योग पीठ द्वारा जबसे योग के प्रचार एवं प्रसार का बीडा उठाया है तबसे आम व्यकित के जीवन में भी स्वस्थ रहने के लिए योग एवं प्राणायाम को महत्व दिया जाना लगा है । उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश योग एसोसियेशन द्वारा येाग के प्रसार हेतूु महत्वपूर्ण भूमिका निभार्इ जा रही है ।
उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति में मनुष्य जन्म लेने के बाद तीन ऋणों में बंध जाता है । जिसमें मातृ, पितृ ऋण तथा ऋषि या देव ऋण प्रमुख है । उन्होंने कहा कि ऋषि या देव ऋण में हमे अपने ग्रंथों, उपनिषदो का अध्ययन करके न केवल ज्ञान अर्जित करना है बलिक उसे अपने जीवन में भी उतारना है ।
उन्होंने कहा कि वे हिमाचल प्रदेश के स्कूलों तथा कालेजों में योग कक्षायें आरम्भ करने के लिये सरकार से मामला उठायेंगे ।इस अवसर पर टी.सी.जनारथा ओ.एस.डी. मुख्यमंत्री एवं अध्यक्ष हि.प्र.योगा एसोसियेशन ने मुख्य अतिथि को सम्मानित किया । डा.रमेश उपप्रधान हि.प्र.योगा संगठन ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया । हि.प्र.विश्वविधालय के योग छा़त्रों ने योगिक क्रियाएं प्रस्तुत की । शहीद भगतसिंह मैमोरियल स्कूल जुब्बल की नन्हीं छात्रा उर्वशी तथा मुस्कान ने संगीतमय योगिक क्रियायों का प्रर्दशन कर दर्शकों को मुग्ध किया ।