विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो0 प्रेम कुमार धूमल ने सेब के गिरते दामों एवं बागवानी क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर चिंता व्यक्त की । उन्होने कहा कि इस वर्ष सेब के दामों में अप्रत्याशित गिरावट आयी है जिससे बागवानी उधोग पर संकट आ गया है। धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि व सेब भूमि के नाम से जाना जाता है। बागवानों ने अपना खून-पसीना बहाकर मेहनत से प्रदेश को सेब भूमि बनाया एवं प्रदेश की आथिर् की को सुदृढ़ किया परन्तु केन्द्र व प्रदेश सरकार के उदासीन रवैये से सेब का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
प्रो0 धूमल ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा सेब पर आयात शुल्क शून्य किया जाना और साफ्टा दक्षिण ऐशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र से सेब का अवैध कारोबार सेब के दामों की गिरावट का मुख्य कारण है जिसे हाल ही में केन्द्रीय वाणिज्य मत्री आनंद शर्मा ने भी माना है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सेब पर आयात शुल्क 3 गुना करने का ऐलान किया था परन्तु बागवानी बहुल क्षेत्रों से वोट बटोरने के बाद सरकार अपना वादा भूल गर्इ जो बागवानों से खिलवाड़ है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में उन्होनें अटल बिहारी वाजपेयी से सेब पर आयात शुल्क लगाने की मांग की थी जिसके कारण प्रदेश के बागवानों के हितों की रक्षा हुयी थी लेकिन वर्तमान केन्द्रीय सरकार इस दिशा में कोई कदम नही उठा रही है। उन्होनें कहा कि बागवानी आज चारों तरफा संकट का सामना कर रही है। घटिया दवार्इयों के कारण पतझड़ का रोग लग गया है, सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़के खस्ताहाल है, जरोल व गुम्मा के सी0ए0 स्टोर निजी हाथों में दे दिए है, बाजार फीस के नाम पर लूट मची हुई है, खाद की कीमतें बढ़ा दी गयी है। उन्होनें कहा कि भाजपा सरकार के समय मे शुरू की गयी बागवानी को प्रोत्साहन देने वाली महत्वपूर्ण योजनाएं, पराला सब्जी मण्डी, हाल्टीकल्चर रोड, रोपवे योजना ठण्डे बस्ते में डाल दी गयी है। उन्होनें कहा कि भाजपा के समय में लाया गया बागवानी तकनीकि मिशन शिथिल पड़ गया है। प्रो0 धूमल ने कहा कि बागवानों के लिए ये वर्ष संकट लेकर आया है। संकट की इस घड़ी में भाजपा व विपक्ष बागवानों के साथ है। प्रदेश उपाध्यक्ष नरेन्द्र बरागटा की देखरेख में सेब उत्पादक क्षेत्रों में चल रहे जन आंदोलन में बागवानो का आक्रोश दिख रहा है। भाजपा आने वाले दिनो मे बागवानो की आवाज को और बुलंद करेगी और सेब को विशेष श्रेणी उत्पाद घोषित करने के लिए पूरा समर्थन देगी।