हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के उस बयान की कड़े शब्दों में निन्दा की है जिसमें उन्होंने स्कूल प्रागणों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा न लगने देने की बात कही है। सतपाल सिंह सत्ती कहा कि मुख्यमंत्री का बयान तानाशाह प्रवृति का परिचायक है तथा लोकतंत्र में मिले लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। पार्टी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि वह संघ की शाखाओं को क्यों नहीं लगने देना चाहते हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रभक्त संगठन है तथा समाज में नैतिक मूल्यों के रक्षण व संरक्षण की बात करता है तथा भारत को अपनी माता की तरह सम्मान देता है साथ ही संस्कार देने का कार्य करता है जिससे देश का हर नागरिक राष्ट्रभक्त बने तथा राष्ट्रीयता से ओतप्रोत हो।
सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह जब भी ऐसे कार्यक्रम में जाते है जो संघ के विरोधी होते हैं तो वह उन्हें उकसाने का काम करते हैं और वीरभद्र सिंह आवेश में आकर इस प्रकार के बयान देते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वह नितप्रति संघ की शाखा में जाये तथा परिवार के लोगों को भी ले जायें जिससे उनका स्वास्थ्य भी ठीक हो जायेगा तथा राष्ट्रभकित के संस्कार भी उनके अन्दर आ जायेंगे तथा संघ की अच्छाईयों को समझने का भी अवसर मिल लायेगा।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि यह बड़े हैरानी की बात है कि वीरभद्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बड़ी नजदीकता से जानते हैं । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समय-2 पर कई संघ विरोधी संगठन संघ पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये कई प्रकार के हथकण्डे अपनाते रहे, लेकिन हर बार न्यायालय से उन्हें मुह की खानी पड़ी है तथा न्यायालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को सांस्कृतिक गैर राजनैतिक संगठन बताया है इसलिये प्रदेश सरकार को संघ के विरूद्ध बोलने से पहले उन्हें अतीत से सबक ले लेना चाहिये।