(दीपक “साहिल “ सुन्द्रियाल) दस जनपथ से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस तक विद्या स्टोक्स एक ऐसा किरदार जिसने जो भी कहा, जब भी कहा …सुना गया, जब भी बात उठाई, सटीक सपष्ट और संगठन के हित में कारगर सिद्ध हुए| विद्या स्टोक्स ने, चाहे वो हिमाचल कांग्रेस हो या दस जनपथ की राजनीती, कई मर्तबा कद्दावर राजनीतिज्ञो को अपने कद का एहसास दिलाया| हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से राज्य से होते हुए भी दस जनपथ में मजबूत पकड बनाई| परिसिमंकन के चलते नए बने विधान सभा क्षेत्र ठियोग से एक मर्तबा फिर विजयी हो स्टोक्स ने एक कुशल राजनीतिज्ञ होने का परिचय दिया| जहां एक और इसे कांटे की टक्कर मान विरोधी अपने अपने दलों के प्रतियशियों की जीत की स्वपन देख रहे थे, ऐसे में 5000 (लगभग ) मतों के भारी अंतर से विरोधियो को पटखनी दे स्टोक्स ने न केवल अपना कद दिखाया बल्कि युवाओ (प्रतियाशीयो) के जोश को अनुभव व अनुशाशन का पाठ भी पड़ा डाला| स्टोक्स के चुनाव में खड़े होते ही विरोधी दलों द्वारा उनकी आयु को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा था, गौरतलब हो की स्टोक्स के सामने खड़े कई प्रत्याशी उनकी आयु से लगभग आधी आयु के थे जो बार बार जनता से जोश और युवा प्रत्यशी के पक्ष में मतदान करने का आवाहन कर रहे थे पर स्टोक्स का अनुभव व जनाधार युवाओ(प्रतियाशीयो)पर एक बार फिर भारी पड़ा|
स्टोक्स बारवीं विधान सभा चुनावो में जीतने वाली सबसे अधिक आयु की उम्मीदवार भी है| राजनीती अनिश्चतताओ से भरा खेल है, अपने धुर विरोधी बताये जाते रहे वीरभद्र सिंह, का साथ दे स्टोक्स ने सभी समीकरणों को उलट कर रख दिया| आंतरिक कलह से जुझ रही कांग्रेस के लिए संजीवनी बनी स्टोक्स-वीरभद्र सिंह की जोड़ी| स्टोक्स-वीरभद्र सिंह की एकजुटता ने आखिरकार हिमाचल का किला फतह कर ही लिया| सूत्रों की माने तों जब वीरभद्र सिंह दस जनपथ की लड़ाई अदभुत राजनेतिक क्षमताओ का लोहा लड़ रहे थे स्टोक्स ने वीरभद्र सिंह के कांग्रेस के अध्यक्ष पद की राह आसान की थी| संगटन की मजबूती के लिए हर संभव प्रत्यन करने वालो में स्टोक्स का नाम कांग्रेस परिवार में बड़े आदर से लिया जाता रहा है | विद्या स्टोक्स का जन्म 8 दिसम्बर 1927 को कोटगढ़ में हुआ| विद्या स्टोक्स अपने मीठे व् सरल सवभाव के लिए लोकप्रिय है| हिमाचल प्रदेश में “ मैडम” के नाम से लोकप्रिय स्टोक्स का विवाह लाल चाँद स्टोक्स से हुआ जो पूर्व विधायक भी रहे| स्टोक्स वर्ष 1970 से कांग्रेस की की सदस्य है और तब से अब तक उन्होंने कई मतवपूर्ण सरकारी व् गैर सरकारी पदों को बखूबी चलाया है|
राजनीती के अलावा स्टोक्स को खेलों में भी खूब शोक रहा है और वह 1984, 1988, 1994 और 2003 में भारतीय महिला हॉकी संग की प्रधान भी रह चुकी है l 5 अगस्त 2010 को विद्या स्टोक्स को विवादस्प्रद हॉकी इंडिया का भी प्रेजिडेंट चुन गया था जिसपे शुरुआत में उनकी नियुक्ती पर जयादा उम्र होने की वजह से सवाल भी उठाये गए थेl
“मैडम” स्टोक्स अपने दमदार राजनेतिक अनुभव व सुलझे हुए वक्तित्व्य के चलते प्रदेश कांग्रेस में अग्रणी नेताओ की श्रेणी में आती है | महिलाओ के लिए आदर्श मजबूत इच्छा शक्ति की धनि “मैडम” हिमाचल में इंदरा की छवि के रूप में देखि जाती रही है| संगटन में बिखराव पे लगाम लगा सत्ता पे पुनह कांग्रेस को काबिज करने में मत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली “मैडम” के मुख्मंत्री पद के दावेदारी के कयास लगाये जा रहे थे, परन्तु नेता विपक्ष की सफलता पूर्वक जिम्मेवारी निभाने के साथ साथ एक जुटता व अपने सुलझे हुए वक्तित्व्य का परिचय दे वीरभद्र सिंह का नाम मुख्य मंत्री पद के लिए आलाकमान के सामने पेश किया| ऐसा माना जा रहा था की “मैडम” स्टोक्स की दावेदारी संगठन में एक बार फिर घमासान मचा देगी परन्तु विद्या की एकजुटता की विद्या से कांग्रेस ने हिमाचल का किला न केवल फतह किया आपितु संगठन के बिखराव को एक बार फिर लगाम लगा दी है|